Monday 22 July 2019

जानिए दिल्ली के बटला हाउस एनकाउंटर की पूरी कहानी

जानिए दिल्ली के बटला हाउस एनकाउंटर की पूरी कहानी

दिल्ली की एक अदालत ने बटला हाउस मुठभेड़ मामले में इंडियन मुजाहिद्दीन के संदिग्ध शहजाद अहमद को गुरुवार को एक पुलिस निरीक्षक की हत्या और अन्य अधिकारियों पर हमले के लिए दोषी ठहराया। अदालत सोमवार को इस मामले में सजा सुनाएगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार शास्त्री ने कहा कि उसे (शहजाद) पुलिस निरीक्षक एमसी शर्मा की हत्या और हेड कांस्टेबल बलवंत सिंह तथा राजबीर सिंह की हत्या के प्रयास के जुर्म में दोषी ठहराया जाता है। उन्होंने कहा कि उसे पुलिस अधिकारियों पर हमला करने और उनकी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने के जुर्म में भी दोषी ठहराया जाता है।
न्यायाधीश ने शहजाद को दोषी ठहराने के बाद कहा कि इस मामले में उसे सोमवार (29 जुलाई) को सजा सुनाई जाएगी। अदालत ने शहजाद को हत्या, हत्या के प्रयास, लोक सेवकों पर हमला करने, बाधा पहुंचाने तथा पुलिसकर्मियों को गंभीर रूप से घायल करके उन्हें उनकी ड्यूटी से रोकने का दोषी पाया।
हालांकि अदालत ने शहजाद को भारतीय दंड संहिता की धारा 174ए के तहत आरोप से बरी कर दिया। यह धारा अदालत द्वारा विशेष समय पर विशेष स्थान पर बुलाये जाने के बाद ऐसा करने में नाकाम रहने से जुड़ी है। मुठभेड़ का यह मामला 19 सितंबर 2008 को दिल्ली के जामिया नगर इलाके के बटला हाउस के फ्लैट संख्या एल18 का है। इस मुठभेड़ से छह दिन पहले राजधानी में सीरियल ब्लास्ट हुए थे, जिसमें 26 लोग मारे गये थे और 133 घायल हुए थे।
13 सितंबर 2008 को दिल्ली के करोल बाग, कनाट प्लेस, इंडिया गेट व ग्रेटर कैलाश में सीरियल बम धमाके हुए थे। इन बम धमाकों में 26 लोग मारे गए थे, जबकि 133 घायल हो गए थे। दिल्ली पुलिस ने जांच में पाया था कि बम ब्लास्ट को आतंकी गुट इंडियन मुजाहिद्दीन ने अंजाम दिया है। घटना के 6 दिन बाद 19 सितंबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि इंडियन मुजाहिद्दीन के पांच आतंकी बटला हाउस स्थित एक मकान में मौजूद हैं।





आइये सिलसिलेवार तरीके से समझते हैं इस पूरे एनकाउंटर की कहानी को...

13 सितंबर 2008
दिल्ली में पांच सिलसिलेवार बम धमाके हुए, जिनमें 26 लोग मारे गए और सौ से अधिक घायल हुए।

19 सितंबर 2008
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा के नेतृत्व में विशेष टीम और जामिया नगर के बटला हाउस के एल-18 मकान में छिपे इंडियन मुजाहिद्दीन के कथित आतंकवादियों में मुठभेड़ हुई। पुलिस ने दावा किया कि मुठभेड़ में दो कथित चरमपंथी मारे गए, दो गिरफ़्तार किए गए और एक फ़रार हो गया। इन्हें दिल्ली धमाकों के लिए ज़िम्मेदार बताया गया।

19 सितंबर 2008
मुठभेड़ में घायल इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा को नजदीकी होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां आठ घंटे इलाज के बाद उनकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक़ उन्हें पेट, जांघ और दाहिने हाथ में गोली लगी थी। उनकी मौत अधिक खून बहने के कारण हुई। पुलिस ने मोहन चंद्र शर्मा की मौत के लिए शहज़ाद अहमद को ज़िम्मेदार ठहराया

21 सितंबर 2008
पुलिस ने कहा कि उसने इंडियन मुजाहिदुदीन के तीन कथित चरमपंथियों और बटला हाउस के एल-18 मकान की देखभाल करने वाले व्यक्ति को गिरफ़्तार किया। दिल्ली में हुए विस्फोटों के आरोप में पुलिस ने कुल 14 लोग गिरफ़्तार किए। ये गिरफ़्तारियां दिल्ली और उत्तर प्रदेश से की गईं। मानवाधिकार संगठनों ने बटला हाउस एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले की न्यायिक जांच की माँग की।

21 मई 2009
दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से पुलिस के दावों की जांच कर दो महीने में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा।

22 जुलाई 2009
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस को क्लीन चिट दी गई।

26 अगस्त 2009
दिल्ली हाईकोर्ट ने एनएचआरसी की रिपोर्ट स्वीकार करते हुए न्यायिक जांच से इनकार किया।

30 अक्टूबर 2009
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी न्यायिक जांच से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की जांच से पुलिस का मनोबल प्रभावित होगा।

19 सितंबर 2011
बटला हाउस एनकाउंटर के दो साल पूरे होने पर दिल्ली की जामा मस्जिद के पास मोटर साइकिल सवारों ने विदेशी पर्यटकों पर गोलीबारी की। इसमें दो ताइवानी नागरिक घायल हुए।


6 फरवरी 2010
पुलिस इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा की मौत के सिलसिले में पुलिस ने शहज़ाद अहमद को गिरफ़्तार किया।

20 जुलाई 2013
अदालत ने शहज़ाद अहमद के मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद फ़ैसला सुरक्षित किया।


25 जुलाई 2013 
अदालत ने शहजाद अहमद को दोषी क़रार दिया।


विवाद


  • - कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने एनकाउंटर को फर्जी बताकर विवाद को जन्म दिया, हालांकि उनकी ही पार्टी ने उनके इस बयान से किनारा कर लिया।
  • - समाजवादी पार्टी ने भी एनकाउंटर में पुलिस की भूमिका पर शक जताते हुए न्यायिक जांच की मांग की। मगर तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने एनकाउंटर को वास्तविक बताते हुए मामले को फिर खोलने से इनकार कर दिया।
  • - एनकाउंटर के खिलाफ प्रदर्शन के लिए कई सामाजिक और गैरसरकारी संगठन सड़कों पर उतर आए।
  • - पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगा। एक एनजीओ की मांग पर दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को निर्देश दिया कि वह एनकाउंटर में पुलिस की भूमिका की जांच करे और 2 महीने के भीतर रिपोर्ट दे। अपनी रिपोर्ट में एनएचआरसी ने पुलिस को क्लीन चिट दी, जिसे स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने मामले में न्यायिक जांच की मांग ठुकरा दी।
  • -केस की सुनवाई के दौरान शहजाद के वकील ने अदालत में दलील दी थी की पुलिस के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है जो ये साबित करता हो कि एनकाउंटर के वक़्त शहजाद मौके पर मौजूद था। शहजाद के वकील ने पुलिस की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि शहजाद का पासपोर्ट बटला हाउस के मकान नंबर एप-18 से मिला था।
  • -वकील ने दावा किया कि पुलिस ने पासपोर्ट गलत तरीके से हासिल किया था और इसी वजह से बरामदगी के दौरान किसी गवाह के हस्ताक्षर नहीं हैं। शहजाद के वकील ने ये सवाल भी उठाया है कि जब पुलिस ने एनकाउंटर के दौरान मकान नंबर एल 18 को चारों तरफ से घेर रखा था, तो शहजाद वहां से भाग कैसे गया।


Chandrayaan-2: भारत इतिहास रचने को तैयार, आज होगा लॉन्च मिशन

Chandrayaan-2:
भारत इतिहास रचने को तैयार, आज होगा लॉन्च मिशन

इसरो ने एक हफ्ते के अंदर सभी तकनीकी खामियों को ठीक कर लिया है. श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर से चंद्रयान-2 को भारत के सबसे ताकतवर जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा.


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने 18 जुलाई 2019 को घोषणा किया कि चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा से 22 जुलाई को होगी. इसरो ने ट्वीट किया कि चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग 15 जुलाई को होनी थी, जो तकनीकी खराबी के कारण टाल दी गई थी.
इसरो ने एक हफ्ते के अंदर सभी तकनीकी खामियों को ठीक कर लिया है. इसरो की ओर से एक आधिकारिक सूचना जारी की गई है जिसमें कहा गया है की 22 जुलाई 2019 को दोपहर 2:43 बजे चंद्रयान-2 को लॉन्च किया जाएगा.

श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर से चंद्रयान-2 को भारत के सबसे ताकतवर जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा. चंद्रयान-2 की यात्रा ऐसे में चार दिन आगे बढ़ जाएगी. चंद्रयान-2 पहले चांद पर 06 सितंबर को पहुंचने वाला था, लेकिन 22 जुलाई को लॉन्चिंग होने पर ये 10 सितंबर या 11 सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचेगा.




चंद्रयान-2 क्या है?
चंद्रयान-2 एक अंतरिक्ष यान है. इसके तीन सबसे अहम हिस्से लैंडर, ऑर्बिटर और रोवर हैं. चंद्रयान-2 दस साल के भीतर भारत का चंद्रमा पर भेजा जाने वाला दूसरा अभियान है. भारत ने इससे पहले अक्टूबर 2008 में चंद्रयान-1 चंद्रमा की कक्षा में भेजा था. भारत चंद्रयान-2 की सफलता के साथ ही अमेरिका, रूस और चीन के बाद धरती के इस उपग्रह पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा.
चंद्रयान-2 का वजन 3,877 किलो होगा. इसरो ने पहले सफल चंद्रमा मिशन - चंद्रयान-1 का प्रक्षेपण किया था जिसने चंद्रमा के 3,400 चक्कर लगाए. चंद्रयान-1 (29 अगस्त 2009 तक) 312 दिनों तक काम करता रहा. यह चंद्रयान-1 मिशन से करीब तीन गुना ज्यादा है.